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"किस्सा "गोपीचन्द" / मांगे राम" के अवतरणों में अंतर

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('<poem> तळै खड्या क्युं रुके मारै चढ्ज्या जीने पर कै , एक ...' के साथ नया पन्ना बनाया)
 
 
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* [[तळै खड्या क्युं रुके मारै चढ्ज्या जीने पर कै / मांगे राम]]
तळै खड्या क्युं रुके मारै चढ्ज्या जीने पर कै ,
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एक मुट्ठि मनै भिक्षा चहिए देज्या तळै उतर कै ।
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सुपने आळी बात पिया मेरी बिल्कुल साची पाई,
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बेटा कह कै भीख घालज्या जोग सफ़ल हो माई ।
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बेटा क्युकर कहूँ तनै तू सगी नणंद का भाई,
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उन नेगां नै भूल बिसरज्या दे छोड पहङी राही ॥
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पिया सोने के मन्नै थाळ परोसे जीम लिये मन भर कै,
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राख घोळकै पीज्यां साधू हर का नाम सुमर कै ॥ तळै खड्या क्युं रुके मारै.....
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02:09, 30 जनवरी 2013 के समय का अवतरण