कि जीवन आशा का उल्लास,
कि जीवन आशा का उपहास,
कि जीवन आशामय उद्गार,
कि जीवन आशाहीन पुकार,
- दिवा-निशि की सीमा पर बैठ
- निकालूँ भी तो क्या परिणाम,
- विहँसता आता है हर प्रात,
- बिलखती जाती है हर शाम!
कि जीवन आशा का उल्लास,
कि जीवन आशा का उपहास,
कि जीवन आशामय उद्गार,
कि जीवन आशाहीन पुकार,