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कि रात आए / हरिवंश राय बच्चन / विलियम बटलर येट्स

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वह रहती थी तूफ़ानों में, जद्दोजहद में,
उसकी आँखें बन्धी हुई थीं उन सपनों से
जो उनके हैं जो कि मौत गर्वीली मरते
इसीलिए उसके मन को बर्दाश्त नहीं था
साधारण जीवन का सीधा-सादा जड़ क्रम;
वह रहती थी उस राजा की तरह कि जिसने
अपनी शादी के दिन इतने तोरण-झण्डे,
ढोल-नृसिंहे, कान-फाड़नेवाली तोपें
लगवा दी थीं, शोर-प्रदर्शन में कट-जाएँ
घड़ियाँ जल्दी कि रात आए,
                           कि रात आए,
                                       जल्दी आए !

मूल अँग्रेज़ी से हरिवंश राय बच्चन द्वारा अनूदित

लीजिए अब पढ़िए यही कविता मूल अँग्रेज़ी में
              William Butler Yeats
              That the Night come

SHE lived in storm and strife,
Her soul had such desire
For what proud death may bring
That it could not endure
The common good of life,
But lived as ’twere a king
That packed his marriage day
With banneret and pennon,
Trumpet and kettledrum,
And the outrageous cannon,
To bundle time away
That the night come.