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कृष्ण सुदामा चरित्र / शिवदीन राम जोशी / पृष्ठ 2
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18:22, 12 मार्च 2012
जब हम-तुम दोनों पढ़ते थे |
थी कृपा गुरु की अपने पर,
पढ़-पढ़ के आगे
बढ़ाते
बढ़ते
थे |
है बात याद बन में भेजे,
सब हाल कहे प्रभु दर्शाके |
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