Last modified on 17 जून 2012, at 21:32

कृष्ण हारा हइलाम गो / बांग्ला

   ♦   रचनाकार: अज्ञात

कृष्ण हारा हइलाम गो,
कृष्ण हारा हइया कान्दछि गो वने निशि दिने
ओ गो, आमार मत दीन दुःखिनी,
के आछे आर वृन्दावने।।
सखी गो, यार ये ज्वाला सेइ जाने
 अन्य कि आर जाने
आमार अरण्ये रोदन करा,
कार काछे कइ, केवा शोने।।
सखी गो, नयन दिलाम रूपे नेहारे
प्राण दिलाम तार सने।
ओ गो, देह दिलाम, अंगे वसन,
मन दिलाम तार श्रीचरणे।।
सखी गो, कृष्ण सून्य देह गो आमार,
काज कि ए जीवने।
अधीन कालाचाँद, कय,
राइ मरिल श्याम बिहने।।