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केकरा खोज रहल हे अँखिया? / सच्चिदानंद प्रेमी

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केकरा खोज रहल हे अँखिया?
इहाँ क्रूरता डफली ले के
भगा रहल मरजादा,
भरत डेरावथ लेम राम से
अवध राज हम आधा;
विसवामित्र आउ बसिष्ठ गुरू
छिपलन तोड़ के पँखिया।