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केना केॅ रहतै दुखिया देश में केना बचैतै जान / गंगा प्रसाद राव

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केना केॅ रहतै दुखिया देश में केना बचैतै जान
कीयै खैतै दुखिया सबटा खाय केॅ बचैतै प्राण
बोलोॅ भैया रामे राम रामे राम हो भाय
कहां रहतै दुखिया रोॅ परिवार

सुख सें रहतै दुखिया देश में शतरु के टीपी जान
दुखिया खैतै आपनोॅ कमैलो आपनोॅ बचैतै प्राण
बोलोॅ भैय्या रामे राम रामे राम हो भाय
महलोॅ में रहतै दुखिया रोॅ परिवार

कौने दुखिया के ठग्गै दिन-रात कौने लै छै जान
कौने ओकरा तड़पावै छै कौन दै छै प्राण
बोलोॅ भैय्या रामे राम रामे राम हो भाय
के दुखिा के माथा पर छै विषाय

नेता ओकरा ठग्गै दिन-रात साहू लै छै जान
मोटका-मोटका तड़पाबै छै दुखिया दै छै प्राण
बोलोॅ भैय्या रामे राम रामे राम हो भाय
कोट-कचहरी ओकरोॅ माथोॅ विषाय

केना बदलतै ई जुग भैया केना केॅ कानून
केना कंस, दुर्जोधन मूँ पर लागतै कालिख चून
बोलोॅ भैय्या रामे राम रामे राम हो भाय
दुखिया के समरजबा केना बसाय

‘गंगा’ कवि कहै छै भैया चेतलै सें होतै बदलाव
जात-धरम के मरहम-पट्टी सें केकरोॅ भरलोॅ छै घाव
बोलोॅ भैया रामे राम रामे राम हो भाय
दुखिया के सुख दुखिये केॅ देलोॅ जाय