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केबाड़ / कुंदन अमिताभ

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ओकरा लेली तेॅ
सब कुछ केबाड़े छेकै
हम्में तोंय आरो सौंसे दुनियाँ
इ पार सें वू पार हुऐ में
हरदम ओकरा
खोै लेॅ पड़ै छै
केबाड़
धरती, सरंग के गलियारा केरऽ
खोलतें-खोलतें केबाड़
मंजाय गेलै वू एत्तेॅ
कि दुनियाँ केरऽ
कोनो केबाड़ खोलेॅ पारेॅ
खाली ओकरा
मौका मिलना चाहियऽ
इ माहिर छेकै
इ महान नारी छेकै
भारतीय नारी
केबाड़ खोलै में सिद्धहस्त।