Last modified on 12 अक्टूबर 2011, at 03:58

कैड़ा बरस्या ऐ लोर भायला / सांवर दइया

Neeraj Daiya (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 03:58, 12 अक्टूबर 2011 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=सांवर दइया |संग्रह=आ सदी मिजळी मरै /...' के साथ नया पन्ना बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

कैड़ा बरस्या ऐ लोर भायला
घर-आंगण ऊग्या थोर भायला

दूध नै छाछ बता दाम धामै
गळी-गळी ऊभा चोर भायला

दो दाणा में करामात ठाडी
टूट्यो सत भूल्या जोर भायला

कंठां तांईं आया म्हैं तो अब
आ ई है जे बा डोर भायला

आं बातां सूं मन बिलमै कोनी
बात कोई नुंवी टोर भायला