Last modified on 10 सितम्बर 2012, at 17:12

कैसा शहर / संगीता गुप्ता

आशिष पुरोहित (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 17:12, 10 सितम्बर 2012 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=संगीता गुप्ता |संग्रह=समुद्र से ल...' के साथ नया पन्ना बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

 
कोई भी पूरी तरह पहचाना हुआ नहीं
दोस्तों के
चेहरों पर चढ़े
मुखौटे

चक्रव्यूह
छोटे बड़े
अपने - पराये द्रोणाचार्यों के बनाए
पहली से पांचवीं मंजिल तक पसरे
भीतर जाकर निकलना रोज

महत्वाकांक्षाएं
लील जातीं
संवेदनाएं, शुभेच्छाएं

यह
कैसा शहर