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कैसे अजब सवाल / राजेन्द्र गौतम

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उभर रहे हैं
दीवारों पर
कैसे अजब सवाल ।

वक़्त गया है
जब से हमको
फ़ुटपाथों पर फेंक
पत्थर-नज़रें करतीं तब से
क्यों प्रतिदिन अभिषेक
संकल्पों की काया की
क्यों गिद्ध नोचते खाल ।

छूट गई
सूने आँगन में
कुछ सपनों की धूल
यह अँजुरी
किसको सौंपे अब
ये मुरझाए फूल
पूजा के
आले में पूरा
जब मकड़ी ने जाल ।