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"कोई तो हा हाथ / ओम पुरोहित कागद" के अवतरणों में अंतर

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ठीक बिचाळै
 
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पड़ी आ
 
पड़ी आ

04:48, 4 फ़रवरी 2011 के समय का अवतरण

आं ईंटां रै
ठीक बिचाळै
पड़ी आ
काळी माटी नीं
राख है चूल्है री
जकी ही काळीबंगा में
कदै’ई चेतन
चुल्लै माथै
कदै’ई तो
सीजतो हो
खदबद खीचड़ो
कोई तो हा हाथ
जका परोसता
घालता पळियै सूं घी
भेळा जीमता
टाबरां नै