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कोई न था लायक मेरे / वाल्टर सेवेज लैण्डोर / उज्ज्वल भट्टाचार्य

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कोई न था लायक मेरे, किसी के साथ न चला ।
प्रकृति से प्यार था, और प्रकृति के बाद कला :
जीवन की आग से मैंने सेंके दोनों हाथ;
बुझ रही है अब वो, और मैं भी उसके साथ ।  

मूल अँग्रेज़ी से अनुवाद : उज्ज्वल भट्टाचार्य

लीजिए, अब यही कविता मूल अँग्रेज़ी में पढ़िए
           Walter Savage Landor

I strove with none, for none was worth my strife.
Nature I loved and, next to Nature, Art:
I warm'd both hands before the fire of life;
It sinks, and I am ready to depart.