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"कोई रोने के सिवा काम भी है / गुलाब खंडेलवाल" के अवतरणों में अंतर
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है तो दुनिया बड़ी हसीन, मगर | है तो दुनिया बड़ी हसीन, मगर |
01:51, 23 जुलाई 2011 के समय का अवतरण
कोई रोने के सिवा काम भी है
मेरी हर सुब्ह मेरी शाम भी है
दोस्त कर लेंगे याद मरने पर
दिल की बदनामियों में नाम भी है
जिसमें हम-तुम भी छूटते पीछे
प्यार में ऐसा एक मुक़ाम भी है
है तो दुनिया बड़ी हसीन, मगर
यह किसी दिलजले का काम भी है
ख़ूब काँटों में खिल रहे हैं गुलाब
प्यार की है सज़ा, इनाम भी है