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कोन उपायें छोड़ती माइ हमर संग / तारानंद वियोगी - अवतरण इतिहास
2024-03-28T14:12:48Z
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<poem><br />
बहुत मनसुआसँ देने छल हेती जन्म<br />
कतेको रास नियार-भास<br />
कतेको कतेक आस-मनोरथ<br />
घुमड़ैत रहैत छल हेतनि हुनका चतुर्दिक<br />
ओहि नव मासमे, जा हम हुनका गर्भमे रही।<br />
<br />
ओहि एक कालखण्डमे<br />
जतेक जे माइ रहल हेत कल्याणक योग्यताधारी<br />
(चौरासी लाख योनिक मध्य)<br />
सभक बीच रहल हेतनि एक मूक प्रतिस्पर्धा।<br />
<br />
अपन अस्तित्वकें काटि-काटि<br />
सक्क भरि चिक्कन-चुनमुन गढ़ि-गढ़ि<br />
ओ हमरा देने छल हेती आकार।<br />
एहि पृथ्वीकें जो अपन सर्वोत्तम दाय देने छल हेती<br />
-हमरा रूपमे<br />
जे कि ओ द’ सकैत छल हेतीह<br />
-आ प्रतिस्पर्धामे लेले छल हेती भाग।<br />
<br />
कोना हम मानब जे माइ हमर मरि गेली<br />
आ छोड़ि गेली संग !<br />
जा हम जीबैत छी<br />
कोन उपायें छोड़ती ओ हमर संग ?<br />
</poem></div>
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