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कोन एहन हम काज करू जे लागय कोनो पाप नहि / बाबा बैद्यनाथ झा

कोन एहन हम काज करू जे लागय कोनो पाप नहि
भूखक आगिसँ बेसी भैया अछि कोनो संताप नहि

रक्तबीज सन बढ़ल जाइ छै आइ मनुज संतान कोना
जे खाली जनमेटा दै छै ओ पापी अछि बाप नहि

जे अपने टा स्वार्थ बुझै छै व्यर्थ ओतए उपदेश कोनो
कारी कम्मल पर पड़तै पुनि आन रंगकेर छाप नहि

ककरो रोटी पर आफत छै कतहु सड़ैए दूध-मलाइ
ई अपनहि कर्मेकेर फल थिक पूर्वजन्मकेर श्राप नहि

कर्महीन बनैछ ओ प्राणी जे दोसरपर दोष मढ़य
कार्यसिद्ध होइछ मेहनतिस बैसल कयने जाप नहि