भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

कोसी के माँग में टीका शोभत है / अंगिका

Kavita Kosh से
Rahul Shivay (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 10:50, 23 जून 2017 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKLokRachna |रचनाकार=अज्ञात }} {{KKLokGeetBhaashaSoochi |भाषा=अंगिका }} {...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

   ♦   रचनाकार: अज्ञात

कोसी के माँग में टीका शोभत है
सिनुरा सोहत अजब रंग हे कोसी माय
खेलते हैं चैहटिया ।
खेलत है चैहटिया हे कोसीमाय
ओढ़त है ओढ़निया
कोसी के गला में हँसुली सोभत है
हरवा सोहत अजब रंग हे कोसीमाय
खेलत हैं चैहटिया ।
कोसी के बाँहि में बाजुआ सोभत है
बजुआ सोहत अजब रंग हे कोसी माय
खेलत हें चैहटिया ।
कोसी के पहुँचा में चुड़िया सोभत है
चुड़िया सोभत अजब रंग हे कोसी माय
खेलत हैं चैहटिया ।
कोसी के डाँड़ में घघरा सोभत है
घघरा सोभत अजब रंग हे कोसीमाय
खेलत हैं चैहटिया ।
कोसी के पैर में पायल सोभत है
पायल सोभत अजब रंग हे कोसी माय
खेलत हैं चैहटिया ।
खेलत है चैहटिया हे कोसिका
आढ़त है ओढ़नियाँ ।