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कोस्ता रीका के इन गुलाबों को / अरनेस्तो कार्देनाल / मंगलेश डबराल

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कोस्ता रीका के इन गुलाबों को
स्वीकार करो मरियम, इन प्रेम कविताओं के साथ :
ये कविताएँ तुम्हें याद दिलाएँगी
कि गुलाबों के चेहरे तुम्हारे चेहरे की तरह हैं, ये गुलाब
याद दिलाएँगे कि प्रेम को टूटना ही होगा
और तुम्हारा चेहरा यूनान और रोम की तरह मिट जाएगा
जब न प्रेम होगा और न कोस्ता रीका के गुलाब होंगे
मरियम, तब तुम्हें याद आएगा यह उदास गीत

अँग्रेज़ी से अनुवाद : मंगलेश डबराल