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"को करू ठीके टुटल सितार हम्मर / धीरेन्द्र" के अवतरणों में अंतर
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− | + | विश्व-संगरमे एनाकए अनेरे असगर भेलहुँ हम। | |
− | + | करू करबाले जते हम, मरू अनका ले जते हम। | |
− | + | मुदा निज लाभक विचारें की केलहुँ हम ?? | |
− | + | जेना जे हो, नहि कहब जे फुटल अछि कप्पार हम्मर। | |
− | + | ओना लागए जे कि भए गेल हमर जीवन तीत। | |
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+ | रक्त-तर्पण जे करै छी ताहि पाछू तथ्य की अछि। | ||
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+ | जािर निज घर घूर तापी, ठीके छी हेहर मती ! | ||
+ | की करू ठीके टुटल सितार हम्मर, | ||
+ | तैयो कि रहलहुँ गाबि हम ई गीत। | ||
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03:25, 23 मई 2016 के समय का अवतरण
को करू ठीके टुटल सितार हम्मर
तैयो कि रहलहुँ गाबि हम ई गीत !
नीड़हीन विहंग सत्ते भए गेलहुँ हम।
विश्व-संगरमे एनाकए अनेरे असगर भेलहुँ हम।
करू करबाले जते हम, मरू अनका ले जते हम।
मुदा निज लाभक विचारें की केलहुँ हम ??
जेना जे हो, नहि कहब जे फुटल अछि कप्पार हम्मर।
ओना लागए जे कि भए गेल हमर जीवन तीत।
सोचल जे लोको बूझि लेतै कालक्रमसँ सत्य की अछि,
रक्त-तर्पण जे करै छी ताहि पाछू तथ्य की अछि।
मुद देखी आह ! जे अछि जरि रहल संसार हम्मर।
जािर निज घर घूर तापी, ठीके छी हेहर मती !
की करू ठीके टुटल सितार हम्मर,
तैयो कि रहलहुँ गाबि हम ई गीत।