कौन आया रास्ते, आईनाख़ाने हो गए,
रात रौशन हो गई, दिन भी सुहाने हो गए।
ये भी मुमकिन है के मैंने उसको पहचाना न हो,
अब उसे देखे हुए, कितने ज़माने हो गए।
जाओ उन कमरों के आईने उठाकर फेंक दो,
बेअदब ये कह रहें हैं, हम पुराने हो गए।
मेरी पलकों पर ये आँसू, प्यार की तौहीन हैं,
उसकी आँखों से गिरे, मोती के दाने हो गए।