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कौन हैं वे और हम कौन हैं? / अहमेद फ़ौआद नेग़्म / राजेश चन्द्र

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कौन हैं वे
और हम कौन हैं?

वे हैं शाहज़ादे और सुल्तान
वे उन लोगों में से हैं
जिनके पास है दौलत और ताक़त
और हम वंचित और साधनहीन

अपनी अक़्ल का इस्तेमाल करो,
अन्दाज़ा लगाओ...
अन्दाज़ा लगाओ कि
कौन शासन करता है किस पर?

कौन हैं वे और हम कौन हैं?
हम हैं निर्माण करने वाले, हम हैं मज़दूर
हम अल-सुन्ना हैं, हम हैं अल-फ़र्द
हम हैं अवाम, बुलन्दी भी, विस्तार भी
हमारे ही दम से, ऊपर को उठती है धरती
हमारे ही ख़ून-पसीने से,
हरे-भरे हो जाते हैं घास के मैदान

अपनी अक़्ल का इस्तेमाल करो,
अन्दाज़ा लगाओ...
अन्दाज़ा लगाओ कि
कौन काम करता है किसके लिए !

कौन हैं वे और हम कौन हैं?
वे हैं शाहज़ादे और सुल्तान
वे हैं कोठियाँ और बड़ी-बड़ी कारें
और चुनिन्दा औरतें
उपभोक्ता पशु
उनका एक ही काम है भकोसना
भकोसते जाना

अपनी अक़्ल का इस्तेमाल करो,
अन्दाज़ा लगाओ...
कौन भकोस रहा है और किसे?
कौन हैं वे और हम कौन हैं?

हम हैं युद्ध, इसके पत्थर और आग
हम हैं सेना, आज़ाद करा रहे हैं मुल्क़ को
हम हैं शहीद
पराजित या कि विजयी

अपनी अक़्ल का इस्तेमाल करो,
अन्दाज़ा लगाओ...
अन्दाज़ा लगाओ कि कौन मार रहा है किसको !

कौन हैं वे और हम कौन हैं ?
वे हैं शाहज़ादे और सुल्तान
वे निरी छवियां हैं संगीत के पार्श्व में
वे लोग हैं राजनीति के
ज़हिरा तौर पर ख़ाली दिमाग़ वाले
पर उनकी छवियाँ हैं गढ़ी हुईं और रंगीन

अपनी अक़्ल का इस्तेमाल करो,
अन्दाज़ा लगाओ...
अन्दाज़ा लगाओ कि कौन धोखा दे रहा है और किसे !

कौन हैं वे और हम कौन हैं?
वे हैं शाहज़ादे और सुल्तान
उनके पहनावे नए फ़ैशन के
पर हम सात जन एक अकेले दड़बे में
वे खाते हैं बीफ़ और शाही कबाब
जबकि हमारे खाने को कुछ नहीं या फलियाँ
वे घूमते हैं यहाँ-वहाँ निजी विमानों में
हम ठुँसे हुए हैं बसों के भीतर
उनकी ज़िन्दगी ख़ुशनुमा और फूलों-भरी
वे अलग सिक्के हैं, हम एकदम अलग

अपनी अक़्ल का इस्तेमाल करो,
अन्दाज़ा लगाओ...
अन्दाज़ा लगाओ कि कौन शिकस्त देगा और किसे ?

अँग्रेज़ी से अनुवाद : राजेश चन्द्र