भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

क्या हुआ जो अकाल है यारो / हरेराम समीप

Kavita Kosh से
Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 06:21, 6 सितम्बर 2016 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=हरेराम समीप |अनुवादक= |संग्रह= }} {{KKCat...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

क्या हुआ जो अकाल है यारो
शेयरों में उछाल है यारो

ये सियासी कमाल है यारो
झूठ अब मालामाल है यारो

गोश्त खाते हैं जिन परिंदों का
उनकी बस देखभाल है यारो

जो गरीबों का है मसीहा आज
घर उसी का विशाल है यारो

वो जो शक बो रहा था लोगों में
बन गया राज्यपाल है यारो

मेरे घर आग से नहीं खेलो
घर में सूखी पुआल है यारो