Last modified on 20 मार्च 2020, at 23:39

क्यूँ डरते हो तुम? / मनीष मूंदड़ा

क्यूँ डरते हो तुम?
किस बात से डरते हो तुम?
क्या है तुममें
क्या लाये हो...जो हो जाएगा गुम?

एक जिस्म
एक रूह
एक दिल
चंद साँसे
सपने, कुछ पराए, कुछ अपने

बस इतना ही तो हैं?
बताओ
इसमें डर की कहाँ जगह हैं?