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क्यों / श्रीनाथ सिंह

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पूछूँ तुमसे एक सवाल,
झटपट उत्तर दो गोपाल!
मुन्ना के क्यों गोरे गाल?
पहलवान क्यों ठोके ताल?
भालू के क्यों इतने बाल?
चले साँप क्यों तिरछी चाल?
नारंगी क्यों होती लाल?
घोड़े के क्यों लगती नाल?
झरना क्यों बहता दिन-रात?
जाड़े में क्यों काँपे गात?
हफ्ते में क्यों दिन हैं सात?
बुडढ़ों के क्यों टूटे दाँत?
ढम-ढम-ढम क्यों बोले ढोल?
पैसा क्यों होता है गोल?
मीठा क्यों होता है गन्ना?
क्यों चमचम चमकीला पन्ना?
लल्ली खेल रही क्यो गुड़िया?
बनिया बाँध रहा क्यों पुड़िया?
बालक क्यों डरते सुन हौआ?
काँव काँव क्यों करता कौआ?
नानी को क्यों कहते नानी?
पानी को क्यों कहते पानी?
हाथी क्यों होता है काला?
दादी फेर रही क्यों माला?
पककर फल क्यों होता पीला?
आसमान क्यों होता नीला?
आँख मूँद क्यों सोते हो तुम?
पिटने पर क्यों रोते हो तुम?