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"क्रिस्टोफर ओकिग्‍बो" के अवतरणों में अंतर

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|कविता=अनोखा प्यार
 
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03:42, 15 मई 2016 का अवतरण

हमारे पीठ पीछे आ चुका है चंद्रमा
एक-दूसरे पर झुके
हम दो देवदारों के मध्य

चढते चंद्रमा के साथ
हमारा प्यार
हमारे आदिम एकांत में वास कर रहा है

अब‍ छायाएं हैं हम
लिपटे एक-दूसरे से
शून्य को चूमती
छायाएं केवल।