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1कँटीली राहेंपथरीली चढ़ाईहाथ थामना !2'''खड़े हैं लाखों''' रक्तपायी पथ मेंबचके चलो !3शंकित दृष्टिबींधती तन-मनदग्ध जीवन !4भाग्य का लेखा भला करके भी तो सुख न देखा !5तुम्हारी आँखें-आँसू का समन्दर पीना मैं चाहूँ।6पोंछ लो आँखेंसीने में छुप जाओक्रूर हैं घेरे ।7यज्ञ रचायामन्त्र भी पढ़े सभीशाप न छूटा।8जलती रहीसमिधा बन नारी राख ही बची ।9छूटे तो छूटे चाहे प्राण अपने !हाथ न छूटे।10सिन्धु तरेंगेंविश्वास की है नैयापार करेंगे।
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