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खतम कहाणी / विनोद कुमार यादव

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मा सुणावंती
नित नूईं कहाणी
कहाणी में
चोखी बातां
चोखी-चोखी बाणी

अेक हो राजा
अेक ही राणी
दोन्यूं मरग्या
ख़तम कहाणी
अर आज सांच्याणी
ख़तम होयगी
आ कहाणी

मा री कहाणी में ही
गो माता गोमती
टोगड़ियो गणेश
पण आ तो पळटगी
गा अर गा रा जाया
फिरै लट्ठ खांवता
डेरी बणगी बैरी
अब दूध
थणां सूं नीं
थैली सूं झरै
गा नीं
टैंकर देवे दूध
ठाह ई नीं पड़ै
किण घर रो है
दूध में समता है
पण ममता कोनीं।