Last modified on 7 अक्टूबर 2015, at 03:33

खरगोश / 'दिग्गज' मुरादाबादी

Anupama Pathak (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 03:33, 7 अक्टूबर 2015 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार='दिग्गज' मुरादाबादी |अनुवादक= |संग...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

धुनी रुई के गोले जैसा
मनमोहक खरगोश,
चाहे जितना इसे छेड़िए
रहता है खामोश।
मन करता है इसे गोद में
लेकर खूब दुलारें,
अपने अलबम में रखने को
इसका चित्र उतारें।