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"ख़ुद से हम इक नफ़स हिले भी कहाँ / जॉन एलिया" के अवतरणों में अंतर

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ख़ेमा-ख़ेमा गुज़ार ले ये शब,  
 
ख़ेमा-ख़ेमा गुज़ार ले ये शब,  
सुबह-दम ये क़ाफ़्ले भी कहाँ|  
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सुबह-दम ये क़ाफिले भी कहाँ|  
  
 
अब त'मुल न कर दिल-ए- ख़ुदकाम,  
 
अब त'मुल न कर दिल-ए- ख़ुदकाम,  

20:53, 15 जुलाई 2009 का अवतरण


ख़ुद से हम इक नफ़स हिले भी कहाँ|
उस को ढूँढें तो वो मिले भी कहाँ|

ख़ेमा-ख़ेमा गुज़ार ले ये शब,
सुबह-दम ये क़ाफिले भी कहाँ|

अब त'मुल न कर दिल-ए- ख़ुदकाम,
रूठ ले फिर ये सिलसिले भी कहाँ|

आओ आपस में कुछ गिले कर लें,
वर्ना यूँ है के फिर गिले भी कहाँ|

ख़ुश हो सीने की इन ख़राशों पर,
फिर तनफ़्फ़ुस के ये सिले भी कहाँ|