भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

खुनवा तौ हम लयिन लेब / रफ़ीक शादानी

Kavita Kosh से
Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 21:51, 23 मार्च 2014 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=रफ़ीक शादानी |अनुवादक= |संग्रह= }} {{KK...' के साथ नया पन्ना बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

सुभास नेता एक समय मा देस का नारा दिहिन रहा,
‘हमका आपन खून देव तुम, हम तुमका आजादी देब!’
अब कै नेता बड़े प्यार से कहत हैं अपने वोटर से,
हमका आपन वोट देव तुम, खुनवा तौ हम लयिन लेब.