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खूददे में खो गेलय / मुनेश्वर ‘शमन’

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खुद्दे में खो गेलय अदमियन।
दरद कते बो गेलय अदमियन।।

नया जमाना के रिवाज में।
की से की हो गेलय अदमियन।
 
रंग भेलय रिस्ता के फीका।
कुछ अइसे धो गेलय अदमियन।।

पता नञ कि कहिया तक भटकय।
जंगल में जो गेलय अदमियन।।

अइना में अदमियत के संतो।
लख चेहरा, रो गेलय अदिमयन।।