http://kavitakosh.org/kk/index.php?title=%E0%A4%96%E0%A5%87%E0%A4%A4,_%E0%A4%AE%E0%A5%87%E0%A4%98,_%E0%A4%A6%E0%A4%B0%E0%A4%AF%E0%A4%BE_%E0%A4%95%E0%A5%80_%E0%A4%AC%E0%A4%BE%E0%A4%A4_%E0%A4%85%E0%A4%AC_%E0%A4%AA%E0%A5%81%E0%A4%B0%E0%A4%BE%E0%A4%A8%E0%A5%80_%E0%A4%B9%E0%A5%88_/_%E0%A4%95%E0%A4%B5%E0%A4%BF%E0%A4%A4%E0%A4%BE_%E0%A4%B5%E0%A4%BF%E0%A4%95%E0%A4%BE%E0%A4%B8&feed=atom&action=historyखेत, मेघ, दरया की बात अब पुरानी है / कविता विकास - अवतरण इतिहास2024-03-28T18:43:01Zविकि पर उपलब्ध इस पृष्ठ का अवतरण इतिहासMediaWiki 1.24.1http://kavitakosh.org/kk/index.php?title=%E0%A4%96%E0%A5%87%E0%A4%A4,_%E0%A4%AE%E0%A5%87%E0%A4%98,_%E0%A4%A6%E0%A4%B0%E0%A4%AF%E0%A4%BE_%E0%A4%95%E0%A5%80_%E0%A4%AC%E0%A4%BE%E0%A4%A4_%E0%A4%85%E0%A4%AC_%E0%A4%AA%E0%A5%81%E0%A4%B0%E0%A4%BE%E0%A4%A8%E0%A5%80_%E0%A4%B9%E0%A5%88_/_%E0%A4%95%E0%A4%B5%E0%A4%BF%E0%A4%A4%E0%A4%BE_%E0%A4%B5%E0%A4%BF%E0%A4%95%E0%A4%BE%E0%A4%B8&diff=260824&oldid=prevRahul Shivay: '{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=कविता विकास |अनुवादक= |संग्रह= }} {{KKCat...' के साथ नया पृष्ठ बनाया2019-04-12T16:35:02Z<p>'{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=कविता विकास |अनुवादक= |संग्रह= }} {{KKCat...' के साथ नया पृष्ठ बनाया</p>
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खेत, मेघ, दरया की बात अब पुरानी है <br />
खोई गांवों ने अस्मत, थम गई रवानी है <br />
<br />
अब न सजतीं चौपालें, पेड़ कट गए सारे <br />
आम, नीम, पीपल की रह गई निशानी है <br />
<br />
गांव में जो बसता था वह किधर गया भारत <br />
आधुनिकता की आँधी ला रही विरानी है <br />
<br />
हावी हो गया फैशन इल्म ओ हुनर पर अब<br />
सर से पल्लू उतरा है, आँखों में न पानी है <br />
<br />
स्क्रीन और गूगल ने, खेल छीने बच्चों के <br />
बिन जिये ही बचपन को, आ गयी जवानी है <br />
<br />
वो लुका-छिपी, गिल्ली–डंडा वाले दिन बीते <br />
विडियो गेम का कोई अब हुआ न सानी है <br />
<br />
बीच अलगू–जुम्मन के, दौर नफ़रतों का है <br />
यार दोस्तों में अब, ख़ूब खींचातानी है <br />
<br />
पोखरों में सूखा जल, हैं मवेशी खतरे में <br />
उनको डाल संकट में खुद भी मुँह की खानी है <br />
</poem></div>Rahul Shivay