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खोजी कुत्ता / सुधीर कुमार 'प्रोग्रामर'

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गारी देॅकेॅ हरदम बोलथौन,
जल्दी-जल्दी माल निकाल,
दू रूपा नै दस हम्में लेबौ,
देखा ता राइफल के नाल,

देखै छी सब्भे कोय भैया,
बोलै के नै छऽ परभुत्ता।
वाह रे हमरऽ खोजी कुत्ता।

जखनी चोर चढ़ै छै गाड़ी,
तखनी मुँहऽ में लावा फुटैछै,
ताकतें रहथौन टूक-टूक डरें,
चोर जहाँ चाहै लूटै छै,

लूटी-पाटी जब भागै चोर,
कुतबा जुटथौन भोरम-भोर,
इसको पकड़ो उसको पकड़ो

की कहियौन खिस्सा अलबत्ता।
वाह रे हमरऽ खोजी कुत्ता।