Last modified on 12 अगस्त 2017, at 15:48

ग़ैरहाज़िरी / सिनान अन्तून

जब
तुम चली जाती हो
मुरझा जाती है यह जग।

मैं
इकट्ठा करता हूँ
उन बादलों को
जो छितरा गए हैं तुम्हारे होठों से।

लटका देता हूँ उन्हें
अपनी स्मृति की दीवार पर
और इन्तज़ार करता हूँ
एक और दिन का।

अँग्रेज़ी से अनुवाद : मनोज पटेल