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गाँव पछिमे गे बेटी, कदम जोड़ी गछिया / अंगिका लोकगीत

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   ♦   रचनाकार: अज्ञात

गाँव पछिमें गे बेटी, कदम जोड़ी गछिया, ओहि तरि उतरे सँपेरिया हे॥1॥
गलिय गलिय बूलै<ref>घूमता है</ref> सँपेरिया, कौने कूले<ref>कुल में</ref> कनिया कुमारि हे।
झड़ोखा मुँहे देखि हेरे<ref>देखता है</ref> बेटी माय, मोरा कूले कनिया कुमारि हे॥2॥
बल जनु दियह बाबा, भरोसा जनि दियह, माँगथौं<ref>माँगेगा</ref> धिआ कुमारि हे
बल हम देइबो गे बेटी, भरोसो हम देइबो, देइबो हम गौरी बिहाय हे॥3॥
थरिया जे माँगथौं बाबा, लोटबा सहितबा, माँगथौं गौरी बिहाय हे।
थरिया जे देइबै गे बेटी, लोटबा सहितबा, देइबै गौरी बिहाय हे॥4॥
कहाँ तोंय<ref>आप</ref> पैभऽ<ref>पायेंगे</ref> हो बाबा, दान दहेजबा, कहाँ पैभऽ सोनो ऐसन बेटी हे।
बाबा घर पैबऽ दान दहेजबा, धनि कोखि सोनी ऐसन बेटिया हे॥5॥
एतबा संपतिया बाबा हो देलहु, छूरी ल रूसलौं जमाय हे।
हुए दे परात बेटी, पसरतै<ref>पसरेगा; लगेगा</ref> हटिया, कीनी<ref>खरीद दूँगा</ref> देबौ सोना मूठी छूरिया हे॥6॥

शब्दार्थ
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