गांव सूं घर-गळी तांई
है एक खळबळी दांई
आ ईद आ मुळक थांरी
देसो भळै डळी कांई
बंट तो हा ज्यूं ई पड़्या है
मूंज बळी तो बळी कांई
सूरज तो आयो कोनी
काळी रात ढळी कांई
ऐ बातां कीकर भूलां
रड़कै अजै सळी दांई
गांव सूं घर-गळी तांई
है एक खळबळी दांई
आ ईद आ मुळक थांरी
देसो भळै डळी कांई
बंट तो हा ज्यूं ई पड़्या है
मूंज बळी तो बळी कांई
सूरज तो आयो कोनी
काळी रात ढळी कांई
ऐ बातां कीकर भूलां
रड़कै अजै सळी दांई