Last modified on 4 अगस्त 2018, at 14:35

गीत मैंने लिखे हैं तुम्हारे लिए / रंजन कुमार झा

Rahul Shivay (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 14:35, 4 अगस्त 2018 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=रंजन कुमार झा |अनुवादक= |संग्रह= }} {{K...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

बीती यादों के अनगिन सहारे लिए
गीत मैंने लिखे हैं तुम्हारे लिए

वो तुम्हारी छुअन का जो अहसास था
मिल रही निज धरा से ही आकाश था
मांग हमने गगन से सितारे लिए

कोई तुमसे जुदा कर, न ले जाए छिन
दो तुम्हारे नयन तकते थे रात-दिन
उन नयन से मिलन के इशारे लिए

पर मेरी साधनाएं अधूरी-विकल
रह गयी, गैर के संग गए तुम निकल
आँख के बहते अश्रु के धारे लिए

अब हो उस पार तुम बीच में है नदी
बिन तुम्हारे लगे चार पल भी सदी
बह रही धार गुमसुम किनारे लिए