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गीत 11 / ग्यारहवां अध्याय / अंगिका गीत गीता / विजेता मुद्गलपुरी
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श्री भगवान उवाच-
कृष्ण कहलका महाकाल हम
सब लोकोॅ के नाश करै वाला हम छी समरथ विशाल हम।
सब लोकॉे के नाश करै के खातिर हम प्रवृत्त छी
ई प्रतिपक्षी सेना रण में कब तक रहत विदित छी
तों नै लड़वेॅ तैय्यो जानै छी एक्कर-अर अंतकाल हम
कृष्ण कहलका महाकाल हम।
हे अर्जुन, तों उठोॅ, युद्ध तों करोॅ और यश पावोॅ
भोग करोॅ धन-धान्य-राज्य तों, शूरवीर कहलावोॅ
सब प्रतिपक्षी महारथी के जानि रहल छी अंत-हाल हम
कृष्ण कहलका महाकाल हम।
सब प्रतिपक्षी शूरवीर छै हमरोॅ द्वारा मरलोॅ
तों केवल निमित्त मात्र छेॅ, धनुष-वाण के धरलोॅ
क्षत्र-कर्म के करोॅ आचरण, प्रकृति के अद्भुत मिसाल हम
कृष्ण कहलका महाकाल हम।