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गीत 3 / ग्यारहवां अध्याय / अंगिका गीत गीता / विजेता मुद्‍गलपुरी

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हमरा अन्दर हे अर्जुन बारह आदित्य समैलोॅ
आठ वसु हमरा अन्दर एग्यारह रूद्र समैलोॅ।

दू अश्विनी कुमार के देखोॅ
अरु उनचास मरुत के,
और न जे कहियो देखने छेॅ
देखोॅ तों ऊ सबके,
तों देखोॅ सम्पूर्ण चराचर जग हमरोॅ उपजैलोॅ।

हे अर्जुन हमरा अन्दर
सम्पूर्ण जगत के देखोॅ,
मनुष देव पशु-पक्षी सब
हमरोॅ उपजैलोॅ देखोॅ,
गिरि-पर्वत-सर-सिन्धु सभै जानोॅ हमरोॅ उपजैलोॅ।

तों प्राकृति आँखों से हमरा
कभी देख नै पैवेॅ,
दिव्य दृष्टि लेॅ जेकरा से
हमरा तो जानेॅ पैवेॅ,
तो ईश्वरीय योग शक्ति पावोॅ नव दृष्टि जगैलोॅ
हमरा अन्दर हे अर्जुन बारह आदित्य समैलोॅ।