Last modified on 9 दिसम्बर 2011, at 09:52

गुजरी गंवारी और ग्वालिनी अहिर जात / शिवदीन राम जोशी

गुजरी गंवारी और ग्वालिनी अहिर जात,
गारी उठ प्रातः देत शरम हूं न आवे है।
घर में दही दूध कान्ह, मान-मान मान मेरी,
तेरी सूं रात दिवस यशोदा अकुलावे है।
नंद महर बेर-बेर ग्राम गली हेर हेर,
कृष्ण नाम लेर -लेर श्याम को बुलावे है।
कहता शिवदीन लाल, राधे कर जोर कहे,
मानो ना मानो श्याम श्यामा समुझावे है।