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गुरु-हाट चलो सखि, ज्ञान-ध्यान सीखो सखि / ब्रजेश दास

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गुरु-हाट चलो सखि, ज्ञान-ध्यान सीखो सखि।
जीवन बनाओ सखि, रहो नैं अज्ञान हे॥
गुरु-हाट ज्ञान बिकै, गुरु-हाट ध्यान बिकै।
ज्ञान-ध्यान सौदा करि, हुओ धनवान हे॥1॥
गुरु केरो चरण में, तन-मन करो दान।
गुरु देथौं भक्ति-ज्ञान, भागथौं अज्ञान हे॥
कहै छै ‘ब्रजेश दास’, गुरु पर करो आस।
होथौं दुख तोरो नास, पैभे निरबान हे॥2॥