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गुरू नानक / लीला मामताणी

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कर महर का सतगरु सचा गुरु नानक प्यारा।
दुनिया जा दर छॾे आयुसि तो दर दुलारा।।

मूं जाचे ॾिठा सभेई - मतलब जा हुआ साथी
मतलब जा मामा चाचा ऐं भाउर भिराती
बिनि मतलब ॾिठम - तुंहिंजा खुलयल दुआरा...

तो ॿेड़ा ॿुॾल तारिया - ऐं उजड़ियल घर वसाया
श्रद्धा सां निमियां तिनि जा - थिया लाया सजाया
मूं हरदम ॾिठा तुंहिंजा - बाबल भरियल भंडारा...

सभ नंग थई नंगी तोते - पियुसि तुंहिंजे पनारे
ख़ाविंद न ॾिजाइं ख़वारी - ऐबनि खे उघाड़े
रहमत सां रहजी अचे ‘निमाणी’ जा न्यारा
कर महर को सचा गुरु नानक प्यारा...