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गुहार / देहरी / अर्चना झा

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हे दैव तोंही कहोॅ
केना केॅ दैव कहिएॅ
अपनोॅ माय, अपनोॅ बाबू
आरो हकिमोॅ केॅ

जें हमरा कोखी मेॅ लानलकै
जें ढेरी सपना देखैलकै
वोंहीं तेजी देलकै
कैह्नै कि हम्मेॅ लड़की छिए

तोंही कहोॅ
ई क्रूरता, ई विसमता
कोनो देवोॅ के हुए पारै

ई वैद-हकीम
जें सबके जान बचाबै छै
वहीं कैंची सेॅ, सुय्या सेॅ
हमरोॅ देहोॅ के नोची रहलोॅ छै

तोंही कहोॅ
ई राक्षसी लछण
कोनो देवोॅ के हुए पारै