Last modified on 21 मई 2011, at 04:33

गूंगा / नवनीत पाण्डे

Neeraj Daiya (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 04:33, 21 मई 2011 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=नवनीत पाण्डे |संग्रह= }} {{KKCatKavita‎}} <poem>मैं तोड़ूंगा स…)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

मैं तोड़ूंगा सन्नाटा
भेदूंगा मौन
भर दूंगा तुम्हारे भीतर
अपने सारे स्वप्न
ओ! महा नगर
चुनौती है तुम्हें
अब नहीं रहने दूंगा तुम्हें गूंगा