भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

गोरबंद / राजस्थानी

Kavita Kosh से
Lalit Kumar (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 07:14, 9 सितम्बर 2016 का अवतरण

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

   ♦   रचनाकार: अज्ञात

लड़ली लूमा झूमा ऐ लड़ली लूमा झुमा ऐ
ओ म्हारो गोरबन्द नखराळो आलिजा म्हारो गोरबन्द नखराळो
ओ लड़ली लूमा झूमा ऐ लड़ली लूमा झुमा ऐ
ओ म्हारो गोरबन्द नखराळो आलिजा म्हारो गोरबन्द नखराळो

ऐ ऐ ऐ गायाँ चरावती गोरबन्द गुंथियों
तो भेंसयाने चरावती मैं पोयो पोयो राज मैं तो पोयो पोयो राज
म्हारो गोरबन्द नखराळो आलिजा म्हारो गोरबन्द नखराळो
ओ लड़ली लूमा झूमा ऐ लड़ली लूमा झुमा ऐ
ओ म्हारो गोरबन्द नखराळो आलिजा म्हारो गोरबन्द नखराळो

ऐ ऐ ऐ ऐ खारासमद सूं कोडा मंगाया
तो बिकाणे तो गड़ बिकाणे जाए पोया पोया राज मैं तो पोया पोया राज
म्हारो गोरबन्द नखराळो आलिजा म्हारो गोरबन्द नखराळो
ओ लड़ली लूमा झूमा ऐ लड़ली लूमा झुमा ऐ
ओ म्हारो गोरबन्द नखराळो आलिजा म्हारो गोरबन्द नखराळो

ऐ ऐ ऐ ऐ देराणी जिठणी मिल गोरबन्द गुंथियों
तो नडदल साचा मोती पोया पोया राज मैं तो पोया पोया राज
म्हारो गोरबन्द नखराळो आलिजा म्हारो गोरबन्द नखराळो
ओ लड़ली लूमा झूमा ऐ लड़ली लूमा झुमा ऐ
ओ म्हारो गोरबन्द नखराळो आलिजा म्हारो गोरबन्द नाखारालो

कांच री किवाडी माथे गोरबन्द टांकयो
तो देखता को हिवडो हरखे ओ राज हिवडो हरखे ओ राज
म्हारो गोरबन्द नखराळो आलिजा म्हारो गोरबन्द नखराळो
ओ लड़ली लूमा झूमा ऐ लड़ली लूमा झुमा ऐ
ओ म्हारो गोरबन्द नखराळो आलिजा म्हारो गोरबन्द नाखारालो

ऐ ऐ ऐ ऐ डूंगर चढ़ ने गोरबन्द गायो
तो झोधाणा तो झोधाणा क केडी हैलो सांभळो जी राज हैलो सांभळो जी राज
म्हारो गोरबन्द नखराळो आलिजा म्हारो गोरबन्द नखराळो
ओ लड़ली लूमा झूमा ऐ लड़ली लूमा झुमा ऐ
ओ म्हारो गोरबन्द नखराळो आलिजा म्हारो गोरबन्द नाखारालो