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गौरैया / रामवचन सिंह 'आनंद'

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‘चीं-चीं, चहक चहक चूँ, चीं चीं,
गीत सुनाती गौरैया।
ढुमुक-ढुमुक ता थेई-थेई,
नाच दिखाती गौरैया।
भोली सादी नन्ही गुड़िया
सबको भाती गौरैया।
हम से-तुम से-इनसे, उनसे
कुछ बतियाती गौरैया।
बड़े सवेरे सारे घर को
रोज जगाती गौरैया।
‘चा’ पी लेती मुन्ना के संग
बिस्कुट खाती गौरैया।