http://kavitakosh.org/kk/index.php?title=%E0%A4%98%E0%A4%B0_/_%E0%A4%85%E0%A4%A8%E0%A5%81%E0%A4%AD%E0%A5%82%E0%A4%A4%E0%A4%BF_%E0%A4%97%E0%A5%81%E0%A4%AA%E0%A5%8D%E0%A4%A4%E0%A4%BE&feed=atom&action=historyघर / अनुभूति गुप्ता - अवतरण इतिहास2024-03-28T11:47:16Zविकि पर उपलब्ध इस पृष्ठ का अवतरण इतिहासMediaWiki 1.24.1http://kavitakosh.org/kk/index.php?title=%E0%A4%98%E0%A4%B0_/_%E0%A4%85%E0%A4%A8%E0%A5%81%E0%A4%AD%E0%A5%82%E0%A4%A4%E0%A4%BF_%E0%A4%97%E0%A5%81%E0%A4%AA%E0%A5%8D%E0%A4%A4%E0%A4%BE&diff=226142&oldid=prevSharda suman: '{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=अनुभूति गुप्ता |अनुवादक= |संग्रह=...' के साथ नया पृष्ठ बनाया2017-05-02T13:05:57Z<p>'{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=अनुभूति गुप्ता |अनुवादक= |संग्रह=...' के साथ नया पृष्ठ बनाया</p>
<p><b>नया पृष्ठ</b></p><div>{{KKGlobal}}<br />
{{KKRachna<br />
|रचनाकार=अनुभूति गुप्ता<br />
|अनुवादक=<br />
|संग्रह=बाल सुमन / अनुभूति गुप्ता<br />
}}<br />
{{KKCatBaalKavita}}<br />
<poem><br />
एक सुन्दर-सा घर बनायेंगे,<br />
फूलों की बेलों से उसको<br />
बड़े चाव से हम सजायेंगे।<br />
<br />
सभी प्यार से वहाँ रहेंगे,<br />
खुशियों से घर के आँगन का<br />
कोना-कोना खूब भरेंगे।<br />
<br />
घर में दादा-दादी होंगे,<br />
मम्मी होंगी पापा होंगे,<br />
प्यार करेंगी हमें बुआ जी<br />
भाई बहन भी संग-संग होंगे।<br />
<br />
अपनों के सँग-साथ प्यार से <br />
घर स्वर्ग-सा सुन्दर बन जाता है,<br />
बिना बच्चों के घर-आँगन तो <br />
सूना सा हो जाता है।<br />
<br />
एक सुन्दर-सा घर बनायेंगे,<br />
फूलों की बेलों से उसको<br />
बड़े चाव से हम सजायेंगे।<br />
</poem></div>Sharda suman