घूमे है गलिओं कूचों में बेरोक ऐ हवा
ज़रा उस दीवार-ओ-दर का भी हाल तो बता
जा फिर से पलट दे तू वो पन्ने किताब के
जहाँ जा ना पाऊँ मैं वहाँ जाने की कर खता
रचनाकाल: 14 अगस्त 2013
घूमे है गलिओं कूचों में बेरोक ऐ हवा
ज़रा उस दीवार-ओ-दर का भी हाल तो बता
जा फिर से पलट दे तू वो पन्ने किताब के
जहाँ जा ना पाऊँ मैं वहाँ जाने की कर खता
रचनाकाल: 14 अगस्त 2013