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घोड़ा / सुधीर सक्सेना

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नीलम अहलावत की पेंटिंग देखते हुए

समुद्र से
दौड़ता हुआ निकला घोड़ा
ढेर सारी ऊर्जा,
तनिक विस्मय,
तनिक भय,
और तनिक संशय के साथ
उसे स्तेपी की तलाश थी
उसकी देह से चिपका हुआ था ढेर सारा नमक