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घोड़े शांति के पाठ पढ़ाते हैं / मिथिलेश श्रीवास्तव
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उनकी गति इंसानों को डराती नहीं
रेखाओं की कोख से जन्मे हुए घोड़े
रंगों की ओट में पले हुए घोड़े
हाथ के कमाल से सुगढ़ हुए घोड़े
घोड़े शांति के पाठ पढ़ाते हैं